भोजपुरी शब्द का निर्माण
भोजपुरी शब्द का निर्माण बिहार का प्राचीन एवं इतिहासिक जिला भोजपुर के आधार पर पड़ा है । जहाँ के राजा "राजा भोज" ने इस जिले का नामकरण किया था।
भाषाई परिवार के स्तर पर भोजपुरी एक आर्य भाषा है और मुख्य रूप से पश्चिम बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश तथा उत्तरी झारखण्ड के क्षेत्र में बोली जाती है। आधिकारिक और व्यवहारिक रूप से भोजपुरी हिंदी की एक उपभाषा या बोली है।
भोजपुरी अपने शब्दावली के लिये मुख्यतः संस्कृत एव हिन्दी पर निर्भर है कुछ शब्द इसने उर्दू से भी ग्रहण किये हैं। भोजपुरी जानने-समझने वालों का विस्तार विश्व के सभी महाद्वीपों पर है जिसका कारण ब्रिटिश राज के दौरान उत्तर भारत से अंग्रेजों द्वारा ले जाये गये मजदूर हैं जिनके वंशज अब जहाँ उनके पूर्वज गये थे वहीं बस गये हैं।
मुख्यतः इनमे सूरीनाम, गुयाना त्रिनिदाद और टोबैगो , फिजी आदि देश प्रमुख है। भारत के जनगणना (2001) आंकड़ों के अनुसार भारत में लगभग 3.3 करोड़ लोग भोजपुरी बोलते हैं। पूरे विश्व में भोजपुरी जानने वालों की संख्या लगभग 5 करोड़ है।
भोजपुरी शब्द का भौगोलिक वर्गीकरण
विकिपीडिया में उल्लेख है की डॉ ग्रियर्सन ने भारतीय भाषाओं को अन्तरंग ओर बहिरंग इन दो श्रेणियों में विभक्त किया है जिसमें बहिरंग के अन्तर्गत उन्होंने तीन प्रधान शाखाएँ स्वीकार की हैं।
(1) उत्तर पश्चिमी शाखा
(2) दक्षिणी शाखा और
(3) पूर्वी शाखा
इस अन्तिम शाखा के अन्तर्गत उड़िया ,असमी ,बंग्लाऔर पुरबिया भाषाओं की गणना की जाती है। पुरबिया भाषाओं में मैथिली , मगही और भोजपुरी ये तीन बोलियाँ मानी जाती हैं। क्षेत्रविस्तार और भाषाभाषियों की संख्या के आधार पर भोजपुरी इन बहनों मैथिली और मगही में सबसे बड़ी है।
( नोट : सभी जानकारियों का आधार विकिपीडिया )
निवेदन : भोजपुरी भाषा के सम्मान में अगर आपके पास कोई जानकारी हो तो हमें जरूर भेजे।
धन्यवाद
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